GST परिषद ने निम्न लिखित सिफारिशें की हैं:
1. Compensation Cess को पांच वर्ष की अवधि के लिए यानि जून, 2022 से परे और बढ़ाया जाएगा |
2. केंद्र ने राज्यों को 2020-21 के दौरान राजस्व की हानि के लिए 20,000 करोड़ का मुआवजा जारी किया है और अगले सप्ताह तक 2017-18 के IGST के लिए लगभग 25,000 करोड़ की राशि जारी की जाएगी |
3. रिटर्न फाइलिंग की सुविधाओं में वृद्धि
मार्च 2020 में आयोजित अपनी 39 वीं बैठक में, परिषद ने वर्तमान GSTR-1 / 3B योजना में नई रिटर्न प्रणाली की सुविधाओं को शामिल करने के लिए एक वृद्धिशील दृष्टिकोण की सिफारिश की थी। तब से विभिन्न प्रकार की सुविधा GST कॉमन पोर्टल पर उपलब्ध कराए गई हैं। ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस को बढ़ाने और अनुपालन अनुभव को बेहतर बनाने के उद्देश्य से, परिषद ने जीएसटी के तहत रिटर्न फाइलिंग के लिए भविष्य के रोडमैप को मंजूरी दी है।
स्वीकृत रूपरेखा का उद्देश्य, रिटर्न फाइलिंग को आसान बनाना है और इस संबंध में करदाता के अनुपालन बोझ को काफी कम करना है, जैसे कि करदाता और उसके आपूर्तिकर्ताओं द्वारा outward supplies (जीएसटीआर -1) के विवरण को समय पर प्रस्तुत करना है – (i) जिससे करदाता अपनी ITC को Electronic credit ledger को देख कर अपने लायबिलिटी का भुगतान नियत तारीख से पहले सभी स्रोतों अर्थात घरेलू आपूर्ति, आयात और रिवर्स चार्ज आदि कर सके | (ii) करदाता और उसके सभी आपूर्तिकर्ताओं द्वारा दर्ज आंकड़ों के माध्यम से, सिस्टम को ऑटो-पॉप्युलेट रिटर्न (GSTR-3B) में सक्षम बनाता है |
– 01.01.2021 से GSTR-1 की नियत तारीख को quarter के अंत के अगले माह की 13 तारीक किया जाएगा |
– GSTR-3B का GSTR-1 के माध्यम से ऑटो पापुलेशन –
* 01.01.2021 से स्वयं के GSTR-1 से लायबिलिटी का ऑटो पापुलेशन
* मासिक फाइलरों के लिए 01.01.2021 तथा त्रैमासिक फाइलरों के लिए 01.04.2021 से इनपुट टैक्स क्रेडिट को सप्लायर के द्वारा फाइल GSTR-1 से नई विकसित सुविधा के माध्यम से फॉर्म GSTR-2B से लिया जाएगा |
– ITC तथा लायबिलिटी को ऑटो पापुलेशन को सुनिचित करने के लिया, 01.04.2021 से FORM GSTR-1 को अनिवार्य रूप से FORM GSTR-3B से पहले फाइल करना होगा |
– वर्तमान जीएसटीआर -1 / 3 बी रिटर्न फाइलिंग सिस्टम को 31.03.2021 तक बढ़ाया जा सकता है और जीएसटीआर -1 / 3 बी रिटर्न फाइलिंग सिस्टम को डिफ़ॉल्ट रिटर्न फाइलिंग सिस्टम के रूप में संशोधित करने के लिए जीएसटी कानूनों में संशोधन किया जाएगा।
4. विशेष रूप से छोटे कारोबारियों पर अनुपालन बोझ को कम करने की दिशा में एक और कदम के रूप में, कुल वार्षिक टर्नओवर रु 5 करोड़ से कम वाले टैक्सपेयर को 01.04.2021 से त्रैमासिक आधार पर रिटर्न दाखिल करने की अनुमति की सिफारिश को लागू किया जाना चाहिए। इस तरह के तिमाही करदाता, तिमाही के पहले दो महीनों के लिए, ऑटो जनरेटेड चालान का उपयोग करके पिछली तिमाही के शुद्ध नकद कर देयता का 35% भुगतान करने का विकल्प होगा|
5. 01.04.2021 से HSN/SAC को इनवॉइस व GSTR-1 में देखने के नियम को संशोधित किया है
– कुल वार्षिक कारोबार रु 5 करोड़ से ज्यादा वाले टैक्सपेयर को 6 डिजिट के HSN/SAC को देखना होगा |
– कुल वार्षिक कारोबार रु 5 करोड़ से काम वाले टैक्सपेयर को 4 डिजिट, B2B सप्लाइज में देखना होगा |
– गवर्नमेंट के पास पावर होगी की वो किसी वर्ग को 8 डिजिट HSN/SAC को कहा सकती है |
6. CGST नियमों और FORMS में विभिन्न संशोधनों की सिफारिश की गई है जिसमें SMS के माध्यम से Nil FORM CMP-08 फाइल करने का प्रावधान शामिल है।
7. 01.01.2021 से पैन और आधार के साथ जुड़े एक वैध बैंक खाते में रिफंड का भुगतान किया जाएगा |
8. विशेष रूप से युवा स्टार्ट-अप द्वारा उपग्रहों के घरेलू प्रक्षेपण को प्रोत्साहित करने के लिए, इसरो, एंट्रिक्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड और एनएसआईएल द्वारा लॉन्च की गई उपग्रह लॉन्च सेवाओं को छूट दी जाएगी।